हिंदीतर भाषी नवलेखन शिविर का भव्य समापन: नवलेखकों को मिली नई दिशा
केंद्रीय हिंदी निदेशालय, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार एवं न्यू आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस कॉलेज, पारनेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिंदीतर भाषी नवलेखक शिविर का समापन समारोह भव्य रूप में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. रंगनाथ आहेर ने शिविर को लेखन के नए विचारों और युवा प्रतिभाओं के विकास का मंच बताया।
मुख्य वक्ता के रूप में जम्मू-कश्मीर के प्रख्यात लेखक डॉ. भारत भूषण शर्मा ने कहा कि “ऐसे शिविर नवलेखकों को साहित्यिक दृष्टि से परिपक्व बनाने में सहायक होते हैं। भाषा संस्कृति की वाहक होती है और साहित्य समाज का दर्पण।”
इस अवसर पर पुणे आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक डॉ. सुनील देवधर ने कहा, “देश की विविध भाषाएँ संस्कृति के संवाहक हैं। हिंदी लेखन के माध्यम से एकता और सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है।
अहमदनगर जिला मराठा विद्या प्रसारक समाज संस्था के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. भाऊसाहेब खिलाड़ी ने कहा हमारा भारत एक ऐसा देश, प्रांत, भाषा और संस्कृति है जो एकता में बंधे हैं। अधिकांश क्षेत्रों में हिंदी बोली जाती है, इसलिए यह पूरे देश को जोड़ने का काम करती है। इस अवसर पर हिंदी सेवी सैय्यदा अनुवारा खातून, संतोष कुमार महतो, विमल कुमार चौधरी रविन्द्र उगले और सुजीत कुमार शर्मा, मौसम कुमारी राय सहित प्रतिभागी शिविरार्थियों ने अपने विचार व्यक्त किए और अनूप शर्मा ने आठ दिवसीय शिविर के अनुभव पर स्वरचित कविता प्रस्तुति की , जिससे सभा में तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागी नवलेखक शिविरार्थियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. शुभदा अराडे और प्रो. प्रतीक्षा तनपुरे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. विजयकुमार राउत ने दिया। समारोह में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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